सुना है तुम ज़िद्दी बहुत हो, मुझे भी अपनी जिद्द बना लो.!!
कहीं ज़िद पूरी, कहीं जरूरत भी अधूरी… कहीं सुगंध भी नहीं, कहीं पूरा जीवन कस्तूरी…!!
मैं परेशान था उसकी ख़ातिर, औऱ वो दिल पे हाथ थाम के बैठी थी !!
इतनी शिकायत , इतनी शर्तें , इतनी पाबन्दी, तुम मोहब्बत कर रहे हो या सौदा कोई !!
~Hum To Agaaz’E-Mohabbat Mein Hi Lutt Gy, Log Toh Kehte The Ke Anjaam Bura Hota Haii .. ‘
कोई नहीं बचाकर रखना चाहता है यादें जान से प्यारे खत बेरुखी से जलने लगे हैं !!
~Phiir Jab Meiin Uske Biina Jeeney Lagii , Usee Merii Kamii Mehsoos Hone Lagi .. ‘
मेहनत इतनी खामोशी से करो कि . “सफलता शोर मचा दे”
“काश कुछ लोग बेईमान नही होते , तो आज इतने लोग परेशान नही होते!”
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