इक झलक जो मुझे आज तेरी मिल गयी मुझे फिर से आज जीने की वजह मिल गयी
ये शहर आजकल वीरान पड़ा है, सुनने में आया है कि, उनकी पायल खो गयी है।
बंजर नहीं हूँ मैं मुझमें बहुत सी नमी है,,,, आँखे बयाँ नही करती बस इतनी सी कमी है!!!
रोज़ गाड़ी से लगभग 100 किमी घूमता हूँ लेकिन अभी तक एक भी नोटवाला बोरा नहीं मिला
सारी उम्र बस एक ही सबक* याद रखना, दोस्ती और “दुवा”* में बस नियत साफ़ रखना.
ज़िन्दगी इतनी मुश्किल इसलिए है, क्यूंकि लोग आसानी से मिली चीज की कीमत नहीं जानते !!
usne milne ki b ajeeb sharat rakhi…. ki chal ker aao sukhe patton pr…. pr koi aahat na ho…
~Dhoka Deti Hai Masoom Chehron Ki Chamak Aksar, Har Kaanch K Tukray Ko Heera Nahi Kehte .. ^
मेरे लफ़्ज़ों से न कर मेरे क़िरदार का फ़ैसला।। तेरा वज़ूद मिट जायेगा मेरी हकीक़त ढूंढ़ते ढूंढ़ते।
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