एक तो सुकुन और एक तुम, कहाँ रहते हो आजकल मिलते ही नही.
बहुत मुस्कुरा रहे हो जनाब, लगता है तुम्हारा इश्क अभी नया नया है ।
बचपन में भरी दुपहरी नाप आते थे पूरा महोल्ला, 💗जब से डिग्रियाँ समझ में आई, पाँव जलने लगे
एक तरफा ही सही मगर प्यार तो प्यार है..!!❤ उसे हो ना हो लेकिन मुझे बेशुमार है..!
कौन है इस जहाँ मे जिसे धोखा नहीं मिला, शायद वही है ईमानदार जिसे मौक़ा नहीं मिला
वक़्त भी लेता है करवटे ना जाने क्या क्या … उमर इतनी तो नही थी जितने सबक सीख लिये हमने
गलती इतनी हुई की जान से ज्यादा तुझे चाहने लगे हम । क्या पता था की मेरी इतनी परवाह तुझे Continue Reading..
हमने तो एक ही शख्स पर चाहत ख़त्म कर दी .. अब मोहब्बत किसे कहते है मालूम नहीं..
कौन कहता है कि मुसाफिर ज़ख़्मी नहीं होते, रास्ते गवाह है बस गवाही नहीं देते.
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