मोहब्बत थी, तो चाँद अच्छा था..! उतर गई, तो दाग भी दिखने लगे..
ये झूठ है… के मुहब्बत किसी का दिल तोड़ती है , लोग खुद ही टुट जाते है, मुहब्बत करते-करत|
अपनी मौत भी क्या मौत होगी ,, एक दिन यूँ ही मर जायेंगे तुम पर मरते मरते !!
गुस्से मे बोला गया एक जहरीला शब्द आपकी हजारो मीठी बातो को नष्ट कर सकता है
मोह्ह्ब्ब्त की कहानी को मुकम्म्ल नही कर पाये… अधूरा था जो किस्सा अधूरा ही छोड आये
मेरे साथ बिताए लम्हो की याद जरा सम्भाल कर रखना . क्योकि हम याद तो आएगे मगर लौटकर नही
तुम से बिछड के फर्क बस इतना हुआ … तेरा गया कुछ नहीँ और मेरा रहा कुछ नहीँ…!
आखिर कैसे भुला दे हम उन्हें…. मौत इंसानो को आती है यादो को नहीं……!!
“तू अगर मुझे नवाजे तो तेरा करम है मेरे मालिक, वरना तेरी रहमतो के काबिल मेरी बंदगी नही.”
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