मैं परेशान था उसकी ख़ातिर, औऱ वो दिल पे हाथ थाम के बैठी थी !!
रात तो क्या पूरी जिन्दगी भी जाग कर गुजार दूँगा तेरे खातिर ।।।
मुमकिन नहीं शायद किसी को समझ पाना … बिना समझे किसी से क्या दिल लगाना
-Koii Toh Aiisa Ho Jo Siirf Mera Ho .. ‘
सुख मेरा, काँच सा था.. ना जाने कितनों को चुभ गया..!!
मेहनत इतनी खामोशी से करो कि . “सफलता शोर मचा दे”
~Woh Ab Lakhon Dilon Se Khelta Haii, . . Mujhe Pehchan Ley Itna Bohat Haii .. ‘
खुद ही दे जाओगे तो बेहतर है ,, वरना हम दिल चुरा भी लेते हैं..!
कैसे गुजर रही है सभी पूछते तो हैं, कैसे गुजारता हूँ कोई पुछता नहीं…
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Comment *
Name *
Email *