मैं परेशान था उसकी ख़ातिर, औऱ वो दिल पे हाथ थाम के बैठी थी !!
~Izhar’E-Ishq Me Aiisa Hua Kuch Wo, Dil Ka Haqdaar To Hua Lekin Mera Naa Hua .. ‘
~Sard Mausam Meiin Bohat Yaad Aatey Haii, Dhund Meiin Lipte Huye Waade Unke .. ‘
पसंन्द आया तो दिल में , नही तो दिमाग में भी नही ।
मेरे साथ बैठ कर वक़्त भी रोया एक दिन बोला बन्दा तू ठीक है मैं ही ख़राब चल रहा हूँ
मेरे कंधे पर कुछ यूँ गिरे तेरे आंसू, कि सस्ती सी कमीज़ अनमोल हो गयी.!!
हसरतें आज भी खत लिखती हैं मुझे, पर मैं अब पुराने पते पर नहीं रहती ।।
मीठी यादों के साथ गिर रहा था, पता नहीं क्यों फिर भी मेरा वह आँसु खारा था.
Ek tera noor hi kaafi h.. Sare jhaa ki roshni k liye
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