उन्हें शिकायतों से शिकायत रहने लगी है, अब हम शिकायत जो नहीं करते!
“काश कुछ लोग बेईमान नही होते , तो आज इतने लोग परेशान नही होते!”
खुद ही दे जाओगे तो बेहतर है ,, वरना हम दिल चुरा भी लेते हैं..!
मुझे महोब्बत है तेरे मन से.. न तेरी खूबसूरती से न लिबास से..
शाम से आँख में नमी सी है, आज फिर आपकी कमी सी है,
मीठी यादों के साथ गिर रहा था, पता नहीं क्यों फिर भी मेरा वह आँसु खारा था.
Ek baat Batao Agr Mai Na Rahu To Koi Kmi To nhi Hogi na
अंत में लिखी है दोनों की बर्बादी, आशिक़ हो या हो आतंकवादी.
कट रही है ज़िंदगी रोते हुए, और वो भी तुम्हारे होते हुए…
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Comment *
Name *
Email *