पुराने आशिक वफा तलाश करते थै, आज के आशिक जगह तलाश करते है..
~Sham Hote Hi Chiraghon Ko Bhuja Deti Hoon, Dil Hi Kaafi Hay Teri Yaad Main Jalne K Liye .. ‘
तुमसे ऐसा भी क्या रिश्ता हे? दर्द कोई भी हो.. याद तेरी ही आती हे।
ऐ-दिल ज़रा मालूम तो कर,कहीं वो तो नहीं आ रहें . महफिल में उठा हैं शोर माशाअल्लाह-माशाअल्लाह
~Chalo Accha Hua Ke Dhund Parney Lagi, Warna Dur Tak Takti Thi Niighein Raah Terii .. ‘
~ बड़ा अजीब सा जहर था उसकी यादों का सारी उम्र गुजर गयी मरते – मरते .. ^
छोड़ भी दूँ तो कैसे, मै फ़्लर्ट करना… किसी की जान बसती है, फ़्लर्ट में मेरी.
पी लिया करते हैं जीने की तमन्ना में कभी, डगमगाना भी ज़रूरी है संभलने के लिए।
ख्वाब मत बना मुझे सच नहीं होते, साया बना लो मुझे साथ नहीं छोडेंगे..!!
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