कुछ दोस्त भी अजीब होते है।😍 पढ़ते सब है लिखते कुछ नही
साँस तो लेने दिया करो… आँख खुलते ही याद आ जाते हो..
Diye hain zindagi ne zakhm aese, . Ke jin ka waqt bhi marham nahin hai “
नसीहत देता हूँ इसका मतलब ये नही….. मैं समझदार हुँ…. बस हमने गलतिया आपसे ज्यादा की है।
Wahe Guru ji ka Khalsa waheguru guru ki fateh
दीवार का कैलेंडर तो बदलता है हर साल, ए-ख़ुदा अब के बरस हालात भी तो बदल दे !!
मोह्हब्ब्त किसी से तब ही करना जब निभाना सिखलो .. मजबूरियों का सहारा लेकर छोड़ देना वफादारी नही होती.
बस वो मुस्कुराहट ही कहीं खो गई है.!!* *बाकी तो मैं भी बहुत खुश हूँ आजकल.
चेहरे अजनबी हो भी जायें तो कोई बात नहीं लेकिन, रवैये अजनबी हो जाये तो बड़ी तकलीफ देते हैं…….!!
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