“काश कुछ लोग बेईमान नही होते , तो आज इतने लोग परेशान नही होते!”
दर्द आवाज छीन लेता है ओर खामोशी की कोई वजह नही होती
~Be’Bass Kar Diya Tu Ney Mujhey, Apney Bass Meiin Karke .. ‘
वो बड़े घर की थी साहब, . छोटे से दिल में कैसे रहती.
~Zyada Kuch Naii Badla Haiin Tere Mere Beech Mein, Pehle Nafrat Na Thi Ab Pyar Nahii Haii .. ‘
हम जो तेरे बगैर ज़िंदा है, सब दिखावा है दुनिया के लिए !!
कैसे गुजर रही है सभी पूछते तो हैं, कैसे गुजारता हूँ कोई पुछता नहीं…
मै और मेरा रब्ब रोज भूल जाते है वह मेरे गुनाहो को मै उसकी रहमतो को
अंत में लिखी है दोनों की बर्बादी, आशिक़ हो या हो आतंकवादी
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