मोहब्बत दो लोगो की…. बातें सौ लोगो की…
~ बड़ा अजीब सा जहर था उसकी यादों का सारी उम्र गुजर गयी मरते – मरते .. ^
त्यौहारों के बहाने ही सही, रिश्ते तो घर लौट आते है…
मैंने वहा भी तुझे मांगा हैं जहाँ लोग खुशी मांगते हैं….
काजल ज़रूरी है तुम्हारी आँखों को, मेरी आँखों को डूबने की हद्द पता रहती है..
मुमकिन नहीं शायद किसी को समझ पाना … बिना समझे किसी से क्या दिल लगाना
मैं परेशान था उसकी ख़ातिर, औऱ वो दिल पे हाथ थाम के बैठी थी !!
मिट जाते है औरों को मिटाने वाले . लाश कहा रोती है, रोते है जलाने वाले
जुबान सुधर जाए तो जीवन सुधरने में वक़्त नहीं लगता।
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