सोचता हूँ बेच डालूं …. मेरे सब उसूल अब पुराने हो गए हैं !!
~Nahi Haii Meri Fitrat Mein Yeh Adaat, Warna Teri Tarah Badlna Mujhe Bhii Aata Haii .. ‘
इतना खुश रहो के साला गम बी कहे गलती से मे यहा कहा आ गया।
शाख से फूल तोड़कर मैंने सीखा.. अच्छा होना गुनाह है, इस जहाँ में..!!
छोटा सा सपना है मेरा, जो रोटी में खाऊ वो तू बनाये..
अंत में लिखी है दोनों की बर्बादी, आशिक़ हो या हो आतंकवादी.
मोहब्बत सिर्फ मोहब्बत चाहती है, किसीकी महेरबानी नहीं !!
जुबान सुधर जाए तो जीवन सुधरने में वक़्त नहीं लगता।
त्यौहारों के बहाने ही सही, रिश्ते तो घर लौट आते है…
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