DP mat dekh Pagli Dil dekh Dil, Branded hai.
चलो मंजूर है तेरी बेरुखी मुझको बस इतना करो कि बेवफा मत होना
कैसे गुजर रही है सभी पूछते तो हैं, कैसे गुजारता हूँ कोई पुछता नहीं…
जब नफ़रत करते करते थक जाओ..। तो एक मौका प्यार को भी दे देना।।.
एक छोटी पेंसिल एक विशाल याद्दाश्त से कहीं बेहतर है
है एक शख़्स ऐसा भी, जो किश्तों में मार रहा है मुझे !!
एम्बुलेंस सा हो गया है ये जिस्म, सारा दिन घायल दिल को लिये फिरता है।
~Izhar’E-Ishq Me Aiisa Hua Kuch Wo, Dil Ka Haqdaar To Hua Lekin Mera Naa Hua .. ‘
जिन्हें प्यार नहीं रुलाता उन्हें प्यार की निशानियाँ रुला देती हैं.
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