तकलीफ कि इन्तेहा तो तब है, जब लोग जिंदा रहे और रिश्ते मर जाये…
~Hamesha K Liye Apne Paas Rakh Lo Na Mujhe, Koii Poochey To Keh Dena Dil Hai Mera .. ‘
मेरा “मैं” हरपल “हम” में बदलता रहा… और तुम बे-परवाह “तुम” में ही रही…
~ बड़ा अजीब सा जहर था उसकी यादों का सारी उम्र गुजर गयी मरते – मरते .. ^
कुछ लोग आए थे मेरा दुख बाँटने मैं जब खुश हुआ तो खफा होकर चल दिये
तेरी जगह आज भी कोई नहीं ले सकता , पता नहीं वजह तेरी खूबी है या मेरी कमी..!!
यही सोच कर उसकी हर बात को सच मानते थे, के इतने खुबसूरत होंठ झूठ कैसे बोलेंगे.
इतनी उदास न हो, ऐ जिन्दगी खोते वही हैं, जो कुछ पाने की तमन्ना रखते हैं |
आज दिन में ही रो लिया मैंने……. रात को नींद आ ही जायेगी…??
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