कभी तू नाराज़ कभी मैं नाराज़..
उफ्फ ये मोहब्बत उफ्फ ये अंदाज़…
जितनी हसीन ये मुलाकातें है उससे भी प्यारी तेरी बातें है
क्यों याद करेगा कोई बेवजह मुझे ऐ खुदा , लोग तो बेवजह तुम्हे भी याद नहीं करते !!”
लोग आँसुओं मे पढ़ते थे नाम तेरा.. इसीलिए हमने रोना छोड़ दिया.. :)) –
उन्हें शिकायतों से शिकायत रहने लगी है, अब हम शिकायत जो नहीं करते!
~ Suno Sahib Khatam Sirf Rishety Kiye Jate Haii Mohabbat Nahii .. ‘
मुकाम वो चाहिए मुझे, की जिस दिन भी हारु , . उस दिन जीतने वाले से ज्यादा मेंरे चर्चे हो
Ek baat Batao Agr Mai Na Rahu To Koi Kmi To nhi Hogi na
वो जवानी ही क्या जिसे लोग पलट कर न देँखेँ
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