जिस्म छू के तो.. सब गुज़रते हैं.. रूह छूता है कोई.. हज़ारों में..
कहता है इबादत करता हूँ पर दिल की जगह जुबा से काम लेता हूँ
तुम दूर हो या पास फर्क किसे पड़ता है, तू जँहा भी रहे तेरा दिल तो यँही रहता है..
Kuch jhoothe vaade aur chnd bewfa log,,, Lagta hai aaj fer unki galiyo se guzar aye
दम तोड़ जाती है हर शिकायत लबों पे आकर, जब मासूमियत से वो कहती है मैंने क्या किया है
क्या अजीब सबूत माँगा है उसने मेरी मोहब्बत का…… मुझे भूल जाओ तो मानू की तुम्हे मुझसे मोहब्बत है……..!!!!!!
मैं तो दिल को साफ रखा करता था हमें क्या पता कि कीमत तो चेहरे की होती हैं
रिश्ते खराब होने की एक वजह ये भी है, कि लोग झुकना पसंद नहीं करते.
पुछा उसने -मुझे, कितना प्यार करते है? मै चुप रहा यारो क्योकि, मुझे तारो की गिनती नही आती..
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