हम एक दिन महरूफ़ क्या हुए, जनाब ने तोहमत लगा दी खुद को भूल जाने की.
सबर कर बन्दे मुसीबत के दिन भी गुज़र जायेंगे, हसी उड़ाने वालो के भी चेहरे उतर जायेंगे…
Talkh itni thi ky peeny sy zuban jalti thi Zindagi aankh ky pani mein mila li main ny…!!!
माँ ने रख दी आखिरी रोटी भी मेरी थाली में मै पागल फिर भी खुदा की तलाश करता हूँ !
कैसे भुला देते हैं लोग तेरी खुदाई को, या रब! मुझसे तो तेरा बनाया हुआ एक शख्स, भुलाया नहीं जाता……..
वो मेरी होगी तो लौट आएगी एक दिन मेरे पास, हम जिसे प्यार करते है उसे कैद नहीं करते !!
दुश्मन के सितम का खौफ नहीं हमको, हम तो दोस्तो के रूठ जाने से डरते है !
जहां तक रिश्तों का सवाल है लोगो का आधा वक़्त अन्जान लोगों को “इम्प्रेस” करने और अपनों को “इग्नोर” करने Continue Reading..
मेरी आँखों की औकात नही की किसी लड़की को घूर सके, याद रहता है खुदा ने एक बहन भी मुझे Continue Reading..
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