हम एक दिन महरूफ़ क्या हुए, जनाब ने तोहमत लगा दी खुद को भूल जाने की.
तुम साथ हो तो मुकद्दर पे हकुमत हैं अपनी। बिन तेरे ज़िन्दगी की औकात ही क्या हैं।।
मैं आपकी नज़रों से नज़र चुरा लेना चाहता हूँ, देखने की हसरत है बस देखते रहना चाहता हूँ
बहुत सौचकर आज खुद से ये सवाल किया मैने, . . ऐसा क्या है मुझमे के लोग मुझसे वफा नही Continue Reading..
कुछ दस्तकें, नींद तोड़ने आती हैं और कुछ… सिर्फ दिल।
नसीहत देता हूँ इसका मतलब ये नही….. मैं समझदार हुँ…. बस हमने गलतिया आपसे ज्यादा की है।
नही है मेरे पास दोलत का ढेर, . पर प्यार से पूरी दुनिया खरीदने की औकात रखता हूँ
सहजता से निभ सके वे ही रिश्ते सुखद है जिन्हें निभाना पड़े वो रिश्ते नहीं दुनियादारी है !! *शुप्रभात* Continue Reading..
“फ्रेंड — यार उसने मुझे I miss u लिख कर भेजा है क्या करूँ मै ? मी – यार तू Continue Reading..
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