हाथ की लकीरें भी कितनी अजीब हैं, हाथ के अन्दर हैं पर काबू से बाहर…
गलतफहमी में जिंदगी गुजार दी,, कभी हम नहीं समझे कभी तुम नहीं समझे
क़यामत के रोज़ फ़रिश्तों ने जब माँगा उससे ज़िन्दगी का हिसाब, ख़ुदा, खुद मुस्कुरा के बोला, जाने दो, ‘मोहब्बत’ की Continue Reading..
जिसको मुझ पर भरोसा नहीं है, उसकी मेरी जिंदगी में कोई जरुरत नहीं है !!
हर बार हम पर इल्जाम लगा देते हो मोहब्बत का….!! कभी खुद से भी पूछा है इतनी खुबसूरत क्यों हो….!!
तू मोहब्बत है मेरी इसीलिए दूर है मुझसे… अगर जिद होती तो शाम तक बाहों में होती
वो जान गया हमें दर्द में भी मुस्कुराने की आदत है; इसलिए वो रोज़ नया दुःख देता है मेरी ख़ुशी Continue Reading..
जो समझते थे की पैसे से सब कुछ खरीदा जा सकता है, प्यार के लिए पल-पल तरसते मैंने ऐसे कई Continue Reading..
पता नहीं कैसी नजर लगी जमाने की साली अब कोई वजह नहीं बनती मुस्कुराने की!!!
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