मैंने अपनी हर एक सांस तुम्हारी गुलाम कर रखी है,
लोगो में ये ज़िन्दगी बदनाम कर रखी है,
अब ये आइना भी किस काम का मेरे,
मैंने तो अपनी परछाई भी तुम्हारे नाम कर रखी है.


Related Posts

One thought on “Apni parchaye

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *