तुम तो मुझे रुलाकर दूर चले गये.. मै किससे पूछूँ मेरी खता क्या है..
नींद छीन रखी है उसकी यादो ने मेरी, गिला उसकी दूरी से करूँ या अपनी चाहत से
जिस के जी में जो आता है कह जाता है… दिल का क्या है सबकी सुन के रह जाता है…
सोचता हूं कि अब खुद पर ही इल्जाम लगा दूं, . दिल मानता ही नहीं कि वो बेवफा है
रात हुई जब शाम के बाद! तेरी याद आई हर बात के बाद! हमने खामोश रहकर भी देखा! तेरी आवाज़ Continue Reading..
तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी, और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गया हूँ..!
~Woh Roz Jorhtah Haii Mujhe, Phiir Se Torhney Ke Liiye .. ‘
मोहब्बत का इजहार करके मेरे दर्द को बेघर ना कर… ताउम्र काटी है इसने मेरे सीने में रह कर…..।।।।”
Aisa Lagta Hai Narazgi Baaqi Hai Abhi… Haath Thama Hai Magar us Ne Dabaya to Nahi…
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