Chaha tha jise use bhulaya na gaya,
Zakhm dil ka logo se chupaya na gaya,
Bewafai ke baad bhi itna pyar karta hai dil unse,
Ki bewafai ka ilzaam bhi uss par lagaya na gaya.
Related Posts
ना जाने रोज कितने लोग रोते रोते सोते है, और फिर सुबह झूठी मुस्कान लेकर सबको सारा दिन खुश रखते Continue Reading..
कहां तक खुद को तोड़ोगे मोहब्बत में ये दर्द कभी खत्म नहीं होती दिल पर लगे हुए
ये खामोशी देखकर लगता है तेरा भी अपना कोई था.. इतना बेदर्दी से बरबाद कोई गैर नहीँ करता.!!
शायद कुछ दिन और लगेंगे, ज़ख़्मे-दिल के भरने में, जो अक्सर याद आते थे वो कभी-कभी याद आते हैं।
एक सवेरा था जब हंस कर उठते थे हम और आज कई बार बिना मुस्कराये ही शाम हो जाती है
ये रिश्ते भी अजीब होते है बिना विश्वास के शुरू नही होते. और बिना धोखे के खत्म नही होते!
जिंदगी में कुछ फैसले हम खुद लेते हैं, और कुछ हमारी तकदीर। बस अंतर तो सिर्फ इतना है कि तकदीर Continue Reading..
वैसे मैं तो ठीक हूँ उसके बिछड़ जाने से… पर बस दिल का ही भरोसा नीं, साला कहीं धड़कना ही Continue Reading..