कितनी मासूम सी है ख्वाहिस आज मेरी कि नाम अपना तेरी आवाज़ से सुनूँ !!!
मेरी आँखों में मत ढूंढा करो खुद को पता है ना.. दिल में रहते हो खुदा की तरह
जरुरी तो नहीं हर चाहत का मतलब इश्क हो कभी कभी कुछ अनजान रिश्तों के लिए भी दिल बेचैन हो Continue Reading..
दूर उन्हें जाना था ये …. एहसास तो था लेकिन……!!* *बिछड़ना इस कदर होगा …..ये ख्याल ना आया …..
हम तो खुशियाँ उधार देने का कारोबार करते हैं, कोई वक़्त पे लौटाता नहीं, इसलिए घाटे में हैं !!
यही सोच कर उसकी हर बात को सच मानते थे.. की इतने खुबसूरत होंठ झूठ कैसे बोलेंगे..
मुझे आज भी उसकी शिद्दत रोने नही देती …! कहती थी मर जायेंगें तेरे आँसुओं के गिरने से पहले
~Meiin Umar Bhar Na De Saki Koi Jawaab .. Wo Ek Pal Me Kiitne Sawaal Kar Geya .. ^
जिस शख्स के लिए मुझे ठुकरा गए थे तुम, मैंने सूना है कि वो भी तुम्हारा नहीं हुआ !!
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