Muhabbat kesi bhi h0 Sahib…! Sajda kerna sikha deti hai…!
अनदेखे धागों में, यूं बाँध गया कोई, की वो साथ भी नहीं, और हम आज़ाद भी नहीं !!
सोचते हैं जान अपनी उसे मुफ्त ही दे दें , इतने मासूम खरीदार से क्या लेना देना ।
हजारों अश्क़ मेरी आँखों की हिरासत में थे, फिर उसकी याद आई और इन्हें जमानत मिल गई
सीढिया उन्हे मुबारक हो…..जिन्हे छत तक जाना है….. हमारी मन्जिल तो आसमान है..रास्ता हमे खुद बनाना है..।
~Bhool Kar Bhii Na Dena Kandha Mere Janazey Ko, Kahiin Phiir Ziinda Na Ho Jaon Tera Sahara Samajh Kar .. Continue Reading..
पानी फेर दो इन पन्नों पे, ताकी धुल जाये स्याही सारी.. जिन्दगी फिर से लिखने का मन होता है कभी-कभी..!!
कुछ अज़नबी लोग पहले अपना बनाते है! फिर अपना बनाकर छोड़ जाते है !
ना चंपा ना पारो आपना तो एक ही ऊसूल है हर लडकी पे लाईन मारो…
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