Muhabbat kesi bhi h0 Sahib…! Sajda kerna sikha deti hai…!
नाराज़गी बहुत है हम दोनों के दरमियान … वो गलत कहता है कि कोई रिश्ता नहीं रहा
तु मिल गई है ताे मुझ पे नाराज है खुदा, कहता है की तु अब कुछ माँगता नहीं है..!!
तुम्हारा जिक्र ,तुम्हारी फिक्र, तुम्हारा एहसास… तुम खुदा नहीं फिर, हर जगह मौजूद क्यों हो
Ye sach hai k hamain fursat nahi milti.. Mgr jab Yaad krtey hain tO zamana Bhool jatey hain.
Barish gire na gire sagar chalkta he tum milo na milo zindgi chalti rehti he
बात तो सिर्फ जज़्बातों की है वरना, मोहब्बत तो सात फेरों के बाद भी नहीं होती.
बेचैन, उदास और बहुत प्यासी हैं आँखें, तुम पलट कर मुस्कुरा दो तो सब ठीक हो जाए।
खेलने दो उन्हे जब तक जी न भर जाए उनका, मोहब्बत 4 दिन की थी… तो शौक कितने दिन का Continue Reading..
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