Tumhari pasand hamari chahat ban jaaye,
Tumhari muskrahat dil ki rahat ban jaaye,
Khuda khushiyo se itna khush kar de apko
Ki aapko khush dekhna hmari adat ban jaaye.



तमननाओ की महफिल तो हर कोई सजाता है
पर
.
पुरी उसी की होती जो तकदीर लेकर आता है

तु बेशक अपनी महफिल मे हमे बदनाम करती है,
.
पर तुझे अनदाजा भी नही है कि
वो लोग भी पैर छुते है मेरे,
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जिन्हे तु भरी महफिल मे झुक के सलाम करती है ණ

क्यो डरेँ कि जिन्दगी मे कल क्या होगा,
.
हर वक्त क्यो सोचे कि कुछ बुरा होगा,
.
बढते रहो मंजिलो कि ओर हमेशा
.
कुछ ना मिला तो क्या हुआ “तजुर्बा” तो नया होगा !


इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है,
इश्क मेरी रुह, तो दोस्ती मेरा ईमान है,
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी,
पर दोस्ती पर, मेरा इश्क भी कुर्बान है

मोहबत को जो निभाते हैं उनको मेरा सलाम है,
और जो बीच रास्ते में छोड़ जाते हैं उनको,
हुमारा ये पेघाम हैं,
“वादा-ए-वफ़ा करो तो फिर खुद को फ़ना करो,
वरना खुदा के लिए किसी की ज़िंदगी ना तबाह करो”


Cho0r Diya Hai Sabk0 Bina Waja Tang Karna
Ae D0st
Jab K0i Apna Samjta Hi Nahi T0 Yaad DiLa
Kar Kia Karna.


~Tabiyat Bhi Theek Thi,
Dil Bhi Be-Qaraar Na Tha,
Yeh Tab Ki Baat Hai,
Jab Kiisi Se Pyar Na Tha .. ‘

~Izhaar’E-Yaad Karoon
Yaah Puchoon Haal’E-Dil Un Ka
Aye Dil Kuch Toh
Bahana Bata
Un
Sey Baat Karnay Ka .. ‘


जिँदगी जीना आसान नही होता
बिना संघर्ण कोई महान नही होता
जब तक ना पडे हथोडे की चोट
तब तक तो पत्थर भी भगवान नही होता


क्यूँ मरते हो यारे
बेवफा सनम के लिए
दो गज जमीन भी नसीब
ना होगी तेरे बदन के लिए
¤
मरना है तो मरो मेरे दोस्तो
अपने वतन के लिए
हसीना भी दुपट्टा उतार देगी
तेरे कफन के लिए

जिन्हे गुस्सा आता है
वह लोग सच्चे होते है
मैने झूठो को अक्सर
मुस्कुराते हुए देखा है


मुशकिल कोई आन पडे
तो घबराने से क्या होगा
जीने की तरकीब निकालो
मर जाने से क्या होगा

जिंदगी में कुछ फैसले हम खुद लेते हैं,
और

कुछ हमारी तकदीर।

बस अंतर तो सिर्फ इतना है कि

तकदीर के फैसले हमें पसंद नहीं आते और
हमारे फैसले तकदीर पसंद नहीं करती..!!

हमसे पहले भी कोई था,
हमारे बाद भी कोई होगा
ना रहेंगे हम भी तो,
किसी को कोई गम ना होगा…!