Vimal kumar Leave a comment उजालो में रह कर अंधेरा माँगता हूँ, रात की चाँदनी से सवेरा माँगता हूँ, दौलत शोहरत की नही ज़रूरत, मैं तो हर सांस मे तेरा बसेरा माँगता हूँ!! गूड मॉर्निंग Copy Loading views...