Shaikh Sameer 1 Comment अक्ल कहती है, ना जा कूचा-ए-क़ातिल की तरफ; सरफ़रोशी की हवस कहती है चल क्या होगा। Copy
Shaikh Sameer Leave a comment अगर भीगने का इतना शौक है बारिश में तो देखो न मेरी आँखों में बारिश तो हर एक के लिए होती है लेकिन ये आँखें सिर्फ तुम्हारे लिए रोती हैं …आशिक… Copy