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मोह्हब्ब्त किसी से तब ही करना जब निभाना सिखलो ..
मजबूरियों का सहारा लेकर छोड़ देना वफादारी नही होती.



सिर्फ दिल का हक़दार बनाया था तुम्हें……
हद हो गयी तुमने तो जान भी ले ली..

अपने होंठो को मेरे होंठो से लगा दो,
कोई शिकायत होगी भी तो कह नहीं पाउँगा..!!

अपने होंठो को मेरे होंठो से लगा दो,
कोई शिकायत होगी भी तो कह नहीं पाउँगा..!!


अदॅर से तो कब के मर चुके है…

ऎ मोत तू भी आजा…
ये लौग सबूत मागॅते है ।

अदॅर से तो कब के मर चुके है…

ऎ मोत तू भी आजा…
ये लौग सबूत मागॅते है ।


मैं रोज अपने खून का दिया जलाऊँगा,
ऐ इश्क तू एक बार अपनी मजार तो बता


मैं रोज अपने खून का दिया जलाऊँगा,
ऐ इश्क तू एक बार अपनी मजार तो बता

बड़ी हिम्मत दी उसकी जुदाई ने मुझे,
अब ना किसी को खोने का डर, ना पाने की चाहत।

गौर फरमाइए
उन्हों ने अर्ज़ किया
महफ़िल में हमारे जूते खो गए है
हम घर कैसे जायेंगे ??
..
मेहफिल मे हमारे जूते खो गए तो
हम घर कैसे जायेंगे ??
.
किसी ने कहा
“आप शायरी तो शुरू कीजिये ,
इतने मिलेंगे की आप गिण नहीं पाएंगे ”!!!!


कोई फर्क नही पडता कि आपकि,
शायरी और कविताएँ कितनी अच्छी है
क्योकि कुछ लोग इन्हे इस लिए पसंद नही करते,
क्योकि वह आपकी होती है


कठिन समय मे
समझदार व्यकित रास्ता खोजता है
और कायर बहाना

अजीब है यह बात कि
दुसरो कि मदद करने के लिए समय किसी के पास नही है
पर दुसरो के कार्यो मे टाँग अडाने के लिए समय सब के पास है


अगर कोई आप पर आँख बंद करके भरोसा करे तो
आप उसे ये एहसास मत दिलाओ कि वह सच मे अंधा है

उपलब्यधियाँ और आलोचनाएँ एक दुसरे की मित्र है
उपलब्यधियाँ बढेगी तो निशचित ही आपकी आलोचनाएँ भी बढेगी

हर रिशते से नूर बरसेगा,
बस शर्त इतनी सी है कि
रिशतो मे शरारते करो
साजिशे नही