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कभी फुलो की तरह मत जीना
जिस दिन खिलोगे
टूट कर बिखर जाओगे
.
जीना है पत्थर की तरह जीयो
जिस दिन तराशे गए
“खुदा” बन जाओगे



किसी को न पाने से जिंदगी खत्म नही होती,
.
.
लेकिन,
.
,
किसी को पा कर खो देने से कुछ
बाकि भी नही रहता ।।

आज पगली बरसो बाद मिली तो गले लगकर खूब रोइ…..
जानते हो ये वही थी जिसने कहा था तेरे जैसे हजारो मिलेंगे………..

मुझे आज भी उसकी शिद्दत रोने नही देती,
कहती थी मर जायेंगें तेरे आँसुओं के गिरने से पहले


बहुत अजीब है ये बंदिशे मोहब्बत की..
कोई किसी को टूट कर चाहता है,
तो कोई चाह कर टूट जाता है…!!

धमकियाँ देता है और वो भी जुदाई की,
मुहब्बत में भी देखो बदमाशियाँ मेरे यार की___


अजीब सी नींद मेरे नसीब में लिखी हे ….
पलके बंद होती हे तो दिल जाग जाता हे


हाथ मे बस एक ‘बासुँरी’ कि कमी है वरना,
गोपिया हमने भी कई ‘फसाई’ है..!!

अब कहा जरुरत है हाथों मे पत्थर उठाने की,
तोडने वाले तो जुबान से ही दिल तोड देते हैं

भगवान और इंसान मेँ
फ़र्क सिर्फ इतना है…
भगवान “तन” से पत्थर और
इंसान “मन” से पत्थर है..!!


ये तो मोहब्बत थी तुमसे जो तेरी बेवफ़ाई बर्दास्त कर गया,
.
.
ऐ बेवफा,
.
.
वरना तेरे सीने से वो दिल निकाल लेता जो मोहब्बत के काबिल ना था


कैसे बयान करे अब आलम दिल की बेबसी का,
वो क्या समझे दर्द इन आंखों की नमी का,
चाहने वाले उनके इतने हो गए हैं कि,
अब एहसास ही नहीं उन्हें हमारी कमी का।

मुझको ऐसा दर्द मिला जिसकी दवा नहीं;

फिर भी खुश हूँ मुझे उस से कोई गिला नहीं;

और कितने आंसू बहाऊँ उस के लिए;

जिसको खुदा ने मेरे नसीब में लिखा ही नहीं।


कभी मुझको साथ लेकर, कभी मेरे साथ चलकर…!
वो बदल गया अचानक, मेरी जिंदगी बदल कर…!!

इस ज़िंदगी पर सिर्फ मेरा हक़ होता,
तो कबका मौत को गले लगा लेता,
पर एक वो ” माँ ” भी है ,
जो मेरी सलामती की दुआ करती फिरती हे।।।

जिस दिन तुम्हारा सबसे क़रीबी तुम पर
गुस्सा करना छोड़ दे..!!
तब समझ लेना कि तुम उस इंसान
को खो चुके हो..!