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उसके चले जाने के बाद हम महोबत नहीं करते किसी से,
छोटी सी जिन्दगी है किस किस को अजमाते रहेंगे|



अभी गुमनाम हूँ तो फासला बना रखा है,
कल..
मशहूर हो जाऊं तो कोई रिश्ता मत निकाल लेना !

नहीं मिलेगा तुझे कोई हम सा,
जा इजाजत है ज़माना आजमा ले.

ए मुसीबत जरा सोच के आन मेरे करीब,
कही मेरी माँ की दुवा तेरे लिए मुसीबत ना बन जाये.


तू रूठा रूठा सा लगता है कोई तरकीब बता मनाने की
मैं ज़िन्दगी गिरवी रख दूंगा तू क़ीमत बता मुस्कुराने की…

‘वक्त ‘ बदलने के लिए ‘बुज़दिलों’ की फौज की दरकार नहीं ,
चंद ‘हौसले’ वालों की ‘अंगड़ाई ‘ ही काफी ह


मिल जायेंगा हमें भी कोई टूट के चाहने वाला
अब शहर का शहर तो बेवफा नहीं हो सकता…


जब भी देखती है मुझे, नज़रें झुका लेती है वो,
खुदा का शुक्र है, हमें पहचान तो लेती है वो।

तुझे पाने की चाह में इतना कुछ खोया है,
की अब तू मिल भी जाए तो भी अफ़सोस होगा।

मुस्कुरा के देखो तो सारा जहाँ रंगीन है।
वर्ना भीगी पलकों से तो आईना भी धुंधला दिखता है।।


मुस्कुरा के देखो तो सारा जहाँ रंगीन है।
वर्ना भीगी पलकों से तो आईना भी धुंधला दिखता है।।


मुस्कुरा के देखो तो सारा जहाँ रंगीन है।
वर्ना भीगी पलकों से तो आईना भी धुंधला दिखता है।।

तेवर तो हम वक्त आने पर दिखायेँगेँ..
शहर तुम खरीद लो हूकूमत हम चलायेँगेँ


कैसे बुरा कह दूँ तेरी बेवफाई को,
यही तो है जिसने मुझे मशहूर किया है…

मुझे मालूम है कि ये ख़्वाब झूठे हैं और ख़्वाहिशे अधूरी हैं …
मगर जिंदा रहने के लिए कुछ ऐसी ग़लतफ़हमियाँ जरूरी हैं

मोह्ह्ब्ब्त की कहानी को मुकम्म्ल नही कर पाये…
अधूरा था जो किस्सा अधूरा ही छोड आये