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एक महीने में फटाफट अंग्रेज़ी बोलना सीखें”
महिलाओं के लिये 50% की छूट।
किसी ने पूछा…
पुरुष और महिलाओं के समानता वाले
इस युग में महिलाओं को छूट क्यों?
क्लास वाले: क्योंकि महिलाओं को
फटाफट बोलना तो पहले से ही आता है,
उन्हें तो सिर्फ अंग्रेज़ी सिखानी है।



बेटा -: पापा आप इंजिनियर कैसे बने ??
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पापा-: बेटा, उसके लिये बहूत दिमाग की ज़रूरत पड़ती हैं
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बेटा-: हा, इसलिय ही तो पुछ रहा हूँ
आप इंजिनियर कैसे बने
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पापा-
..दें थप्पड़
..दें थप्पड़

दुनिया की सारी मजबूरी एक तरफ
अर
क्लास म मास्टर के बकवास से चुटकुले पै हासण की मजबूरी एक तरफ!!

लड़किया में इतनी पारदर्शिता होती है कि अगर 4 लड़किया “100” रुपये की कोई चाट या गोलगप्पे खाने भी जायेंगी तो 25-25 रुपये वहीं ठेले पर ही बांट लेंगी


हाइट ऑफ पाजिटिव ऐट्टियूड
लड़का- आई लव यू…
लड़की- हा हा हा हा
लड़का (अपने दोस्त से)- भाई 4 बार ‘हां’ बोली

इंटरव्यू लेने वाले ने पूछा : तुम्हारा नाम क्या है?
हरियाणवी : विजय दीनानाथ चौहान।
इंटरव्यू लेने वाला : लेकिन फॉर्म में तो
तुमने अपना नाम रामफल लिखा है?
हरियाणवी: फेर क्यों सुआद ले है?


एक ताऊ अपने पड़ोसी के घर से घी लाने गया
ताऊ–छोरा तेरी माँ ने पूछ थारे घी है के …..
छोरा–माँ घर घी है के ताऊ पूछ है……..
माँ–बेटा तेरे ताऊ न के दे की आपने तो रोटी चोपडन जोगा ही है…..
छोरा– ताऊ मेरी माँ कह की म्हारे तो रोटी चोपडन जोगा ही है….
ताऊ–तो तेरी माँ न कह दे की में के ढुंगा चोपडन खातर लेजा हूँ..


*एक ब्यूटी पार्लर के सामने लिखी गयी प्रेणादायक पंक्तियां-*
क्या हुआ जो ऊपरवाले ने आपको *उल्लू* बनाया,
आओ हम दोनों मिलकर बाकी सबको बनाते हैं!!

पुलिस ट्रेनिंग के दौरान , अफसर ने पूछा : ‘ये हाथ में क्या है ?’
सुरेश : “सर , बन्दूक है …!”
अफसर : “ये बन्दूक नहीं ! तुम्हारी इज़्ज़त है , शान है , ये तुम्हारी माँ है माँ . !!”
फिर अफसर ने दूसरे सिपाही रमेश से पूछा : “ये हाथ में क्या है ?”
रमेश : “सर , ये सुरेश की माँ है , उसकी इज़्ज़त है , उसकी शान है और हमारी मौसी है मौसी ..!
सर बेहोश

Me – आंटी चाय लीजिये
आंटी – अरे क्यों परेशान होती हो
Me- क्यो की आप संडे के दिन परेशान करने आई ही हैं


दुकानदार- जी ‘बहन’ जी आप हमेशा दुकान आते हो सारे गहने देखते हो मगर कभी ले नही जाते
महिला – ले जाती हूँ भाई साहब आप ही ध्यान नही देते.


इंसान के चकनाचूर दिल के छोटे-छोटे टुकड़े
पहुंच गए हैं अब मोबाइल की ऍप्लिकेशनों में।
और उन छोटे-छोटे टुकड़ों के साथ
दिल के सब एहसास भी ट्रांसफर हो गये
इस छोटी सी मशीन में।
शायद इसलिए तो अब दिल टूटने से ज्यादा डर
मोबाइल के टूट जाने से लगने लगा है।

हसबैंड और वाइफ एक प्लेट में पानी पूरी खा रहे थे, आँखों में आँखें डाल कर..।
वाइफ (शरमाते हुए): ऐसे क्या देख रहे हो..?
हसबैंड: थोड़ा आराम से खा… मेरी बारी ही नहीं आ रही है…!!


1. भारतीय क्रिकेट टीम, चायना oppo का प्रचार-प्रसार कर रही है |
2. अमिताभ बच्चन KBC में चायना VIVO के साथ सेल्फी ले रहे हैं |
3. रनवीर सिंह (अभिनेत) VIVO के ब्रांड अम्बेसडर हैं |
4. बिग बॉस का स्पॉंसर चायना oppo हीं है |
गरीब से कहा जा रहा है कि अगर आपने 10 रूपये की चायना वाली झॉलर खरीदी तो आप देशभक्त नहीं, देशद्रोही हैं |

स्त्रियों की सबसे बड़ी समस्या :
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जब बहू बनती हैं तब सास अच्छी नहीं मिलती जब सास बनती हैं तब बहू अच्छी नहीं मिलती.
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जब देवरानी बनती हैं तब जेठानी अच्छी नहीं मिलती और जब जेठानी बनती हैं तब देवरानी अच्छी नहीं मिलती.
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जब भाभी बनती हैं तब ननद अच्छी नहीं मिलती और जब ननद बनती हैं तो भाभी अच्छी नहीं मिलती.
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अंत में यदि सभी अच्छी मिल जाएं तो कामवाली बाई अच्छी नहीं मिलती.
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अब बचा आखिर में बेचारा पति… तो वो आज तक किसी को भी अच्छा नहीं मिला.

बुद्ध अपने शिष्यों के साथ बैठे थे। एक शिष्य ने पूछा- “कर्म क्या है?”
बुद्ध ने कहा- “मैं तुम्हें एक कहानी सुनाता हूँ।”
एक राजा हाथी पर बैठकर अपने राज्य का भ्रमण कर रहा था।अचानक वह एक दुकान के सामने रुका और अपने मंत्री से कहा- “मुझे नहीं पता क्यों, पर मैं इस दुकान के स्वामी को फाँसी देना चाहता हूँ।”
यह सुनकर मंत्री को बहुत दु:ख हुआ। लेकिन जब तक वह राजा से कोई कारण पूछता, तब तक राजा आगे बढ़ गया।
अगले दिन, मंत्री उस दुकानदार से मिलने के लिए एक साधारण नागरिक के वेष में उसकी दुकान पर पहुँचा। उसने दुकानदार से ऐसे ही पूछ लिया कि उसका व्यापार कैसा चल रहा है? दुकानदार चंदन की लकड़ी बेचता था। उसने बहुत दुखी होकर बताया कि मुश्किल से ही उसे कोई ग्राहक मिलता है। लोग उसकी दुकान पर आते हैं, चंदन को सूँघते हैं और चले जाते हैं। वे चंदन कि गुणवत्ता की प्रशंसा भी करते हैं, पर ख़रीदते कुछ नहीं। अब उसकी आशा केवल इस बात पर टिकी है कि राजा जल्दी ही मर जाएगा। उसकी अन्त्येष्टि के लिए बड़ी मात्रा में चंदन की लकड़ी खरीदी जाएगी। वह आसपास अकेला चंदन की लकड़ी का दुकानदार था, इसलिए उसे पक्का विश्वास था कि राजा के मरने पर उसके दिन बदलेंगे।
अब मंत्री की समझ में आ गया कि राजा उसकी दुकान के सामने क्यों रुका था और क्यों दुकानदार को मार डालने की इच्छा व्यक्त की थी। शायद दुकानदार के नकारात्मक विचारों की तरंगों ने राजा पर वैसा प्रभाव डाला था, जिसने उसके बदले में दुकानदार के प्रति अपने अन्दर उसी तरह के नकारात्मक विचारों का अनुभव किया था।
बुद्धिमान मंत्री ने इस विषय पर कुछ क्षण तक विचार किया। फिर उसने अपनी पहचान और पिछले दिन की घटना बताये बिना कुछ चन्दन की लकड़ी ख़रीदने की इच्छा व्यक्त की। दुकानदार बहुत खुश हुआ। उसने चंदन को अच्छी तरह कागज में लपेटकर मंत्री को दे दिया।
जब मंत्री महल में लौटा तो वह सीधा दरबार में गया जहाँ राजा बैठा हुआ था और सूचना दी कि चंदन की लकड़ी के दुकानदार ने उसे एक भेंट भेजी है। राजा को आश्चर्य हुआ। जब उसने बंडल को खोला तो उसमें सुनहरे रंग के श्रेष्ठ चंदन की लकड़ी और उसकी सुगंध को देखकर बहुत प्रसन्न हुआ। प्रसन्न होकर उसने चंदन के व्यापारी के लिए कुछ सोने के सिक्के भिजवा दिये। राजा को यह सोचकर अपने हृदय में बहुत खेद हुआ कि उसे दुकानदार को मारने का अवांछित विचार आया था।
जब दुकानदार को राजा से सोने के सिक्के प्राप्त हुए, तो वह भी आश्चर्यचकित हो गया। वह राजा के गुण गाने लगा जिसने सोने के सिक्के भेजकर उसे ग़रीबी के अभिशाप से बचा लिया था। कुछ समय बाद उसे अपने उन कलुषित विचारों की याद आयी जो वह राजा के प्रति सोचा करता था। उसे अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए ऐसे नकारात्मक विचार करने पर बहुत पश्चात्ताप हुआ।
यदि हम दूसरे व्यक्तियों के प्रति अच्छे और दयालु विचार रखेंगे, तो वे सकारात्मक विचार हमारे पास अनुकूल रूप में ही लौटेंगे। लेकिन यदि हम बुरे विचारों को पालेंगे, तो वे विचार हमारे पास उसी रूप में लौटेंगे।
यह कहानी सुनाकर बुद्ध ने पूछा- “कर्म क्या है?” अनेक शिष्यों ने उत्तर दिया- “हमारे शब्द, हमारे कार्य, हमारी भावनायें, हमारी गतिविधियाँ…”
बुद्ध ने सिर हिलाया और कहा- *”तुम्हारे विचार ही तुम्हारे कर्म हैं।”*