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तुझपे खर्च करने के लिए बहुत कुछ नहीं है मेरे पास…
थोड़ा वक़्त हैं ..…
थोड़ा मैं हूँ..
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बचपन में जब धागों के बीच माचिस फसाकर फोन-फोन खेलते थे,,,
तो मालूम नहीं था एक दिन इस फोन
में जिन्दगी सिमटती चली जायेगी..!
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