~ बड़ा अजीब सा जहर था उसकी यादों का सारी उम्र गुजर गयी मरते – मरते .. ^
सुना था.. मोहब्बत मिलती है, मोहब्बत के बदले | हमारी बारी आई तो, रिवाज हि बदल गया ||
बहुत देर तक मेरे साथ रहा करती है…. ये जो ख़ामोशी है न तेरी…. बहुत कुछ कहा करती है….!!
Kal tujhse bichrdne ka faisla kar liya tha!! Aj apne hi dil ko rishwat de rahi hu!! 🙁
बंध जाता है जब किसी से जब रूह का बंधन, तो इज़हार-ऐ-मोहब्बत को “अल्फ़ाज़ों” की ज़रूरत नहीं होती.
ज़िंदगी whats app के last seen जैसी है, सब को अपनी छिपानी है,दूसरो की देखनी है.
Aa kuch likhdu tere bare meIN, Tu bhi dhundhti hogi khud ko mere Lafzon meIN
दर्द आवाज छीन लेता है ओर खामोशी की कोई वजह नही होती
हमने सोचा था की हर मोड़ पर याद करेंगे तुझे पर कमबख़त पूरी सड़क ही सीधी निकली कोई मोड़ ही Continue Reading..
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