~ बड़ा अजीब सा जहर था उसकी यादों का सारी उम्र गुजर गयी मरते – मरते .. ^
तहजीब देखता हूँ मैं गरीबों के घर में दुपट्टा फटा हो फिर भी सर पर होता है
जिस जिस ने मुहब्बत में, अपने महबूब को खुदा कर दिया, खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए, उनको Continue Reading..
फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ “इश्क” मुकम्मल, इंसानों को तो हमने सिर्फ बर्बाद होते देखा है….!!
चलो मंजूर है तेरी बेरुखी मुझको बस इतना करो कि बेवफा मत होना
Pehli mulaqat thi aur hum dono hi bebas the, wo zulfien na sambhal sake aur hum khud ko..!!
में खुश हूँ कि उसकी नफरत का अकेला वारिस हूँ वरना मोहब्बत तो उसे कई लोगो से है…..
मै नही जानता मै क्यो लिखता हूँ, बस ये खाली कागज मुझसे देखे नही जाते
सच्चे और अच्छे लड़के बहुत सारी लड़कियों को नहीं देखते, सिर्फ एक ही लड़की के लिए अपना दिल रखते है Continue Reading..
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