-Koii Toh Aiisa Ho Jo Siirf Mera Ho .. ‘
बिछड़ों को मिलाते मिलाते न जाने किसकी नज़र लग गयी, की आज हमें मिलाने वाला कोई नहीं है।
धोखा देती है अकसर मासुम चेहरो की चमक हर काँच का टुकडा हीरा नही होता
उन्हें शिकायतों से शिकायत रहने लगी है, अब हम शिकायत जो नहीं करते!
अब तेरी याद के साथ मेरा हरपल ख़ास है, तू पास नहीं है इसलिए दिल थोडा उदास है
साझेदारी करो तो किसी के दर्द के साथ, क्योंकि खुशियों के दावेदार तो बहुत हैं।
Yeh Aansuon Kii Zaqat Mujh Pey Hi Kyu, Woh Bhii Toh Kuch Adaa Karey Mohabbat Usey Bhii Thii ..
तकदीर इतनी भी बुरी नहीं थी, पर कुछ रिश्तों ने नरक बना दी जिंदगी को
रोना ही है ज़िन्दगी तो हँसाया क्यो.. जाना था दूर तो नज़दीक़ आया ही कयो
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