मेहनत इतनी खामोशी से करो कि . “सफलता शोर मचा दे”
गिला भी तुझ से बहुत है, मगर मोहब्बत भी, वो बात अपनी जगह है, ये बात अपनी जगह
भुला के मुझको, अगर आप भी हो सलामत,… तो भुला के मुझको, सम्भालना मुझे भी आता हैं !
Woh meri soch k parday mein chupa betha hai,,, main kisi aur ko sochon bhi to sochon kaise….?
“तुम्ही आकर थाम लो ना मुझे .! बाबू सब ने छोड़ दिया है मुझे तेरा समझकर ..!!”
ना रईस हूँ ना अमीर हूँ, ना मै बादशाह ना मै वजीर हूँ, आप सभी का प्यार है मेरी सल्तनत, Continue Reading..
तख्तो-ताज की चिँता तो बादशाहो को होती है . हम तो अपनी रियासते अपने साथ लेकर घुमते है
तेरी गली में आकर के खो गये हैं दोंनो.! मैं दिल को ढ़ूँढ़ता हुँ दिल तुमको ढ़ूँढ़ता है.!
वो बोलते रहे हम सुनते रहे, जवाब आँखों में था वो जुबान में ढूंढते रहे.
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Comment *
Name *
Email *