~Woh Matlab Se Miltey Haiin Aur, Hameiin Siirf Milney Se Matlab Haii .. ‘
तुम दूर हो या पास फर्क किसे पड़ता है, तू जँहा भी रहे तेरा दिल तो यँही रहता है..
सबर कर बन्दे मुसीबत के दिन भी गुज़र जायेंगे, हसी उड़ाने वालो के भी चेहरे उतर जायेंगे…
उनकी ना खाता थी हम ही गलत समझ बैठे दोस्तो वो मोहब्बत से बात करते थे और हम मोहब्बत ही Continue Reading..
कोई तो होगा टूटा हुआ मेरी तरह ही… जो जुड़ने की ख्वाहिश लिए जी रहा होगा अकेला कही..*
छोड़ तो सकता हूँ मगर छोड़ नहीं पाता उसे, वो शख्स मेरी बिगड़ी हुई आदत की तरह है.. …
हम एक दिन महरूफ़ क्या हुए, जनाब ने तोहमत लगा दी खुद को भूल जाने की.
मुझे फर्क नहीं पता अपनो और गैरो का, हर कोई हँसा है मुझे रोता देखकर
मैं वक़्त बन जाऊं, तू बन जाना कोई लम्हा… मैं तुझमे गुज़र जाऊं, तू मुझमें गुज़र जाना…
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Comment *
Name *
Email *