वो जवानी ही क्या जिसे लोग पलट कर न देँखेँ
लोग आँसुओं मे पढ़ते थे नाम तेरा.. इसीलिए हमने रोना छोड़ दिया.. :)) –
उन्हें शिकायतों से शिकायत रहने लगी है, अब हम शिकायत जो नहीं करते!
कैसे गुजर रही है सभी पूछते तो हैं, कैसे गुजारता हूँ कोई पुछता नहीं…
मेरे कंधे पर कुछ यूँ गिरे तेरे आंसू, कि सस्ती सी कमीज़ अनमोल हो गयी.!!
~Kheench Letii Haii Mujhe Unkii Mohabbat Har Bar, Warna Bohat Baar Mile The Unse Akhir Bar .. ‘
~Sochti Hun Kabhi Utar Keh Daikhun Us Keh Dil Mein, Kon Basa Hai Us Mein Jo Mujhe Basne Nahii Deta Continue Reading..
!! वो अब भी आती है ख्वाबों में मेरे.. ये देखने की मैं उसे भूला तो नहीं…..!!
मुमकिन नहीं शायद किसी को समझ पाना … बिना समझे किसी से क्या दिल लगाना
Hamari
Akay
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Hamari
Akay