खुद ही दे जाओगे तो बेहतर है ,, वरना हम दिल चुरा भी लेते हैं..!
कभी तू नाराज़ कभी मैं नाराज़.. उफ्फ ये मोहब्बत उफ्फ ये अंदाज़…
WhatsApp हो या ज़िंदगी, लोग हमेशा status ही देखते हैं।
अंत में लिखी है दोनों की बर्बादी, आशिक़ हो या हो आतंकवादी.
एक सफ़र ऐसा भी होता है दोस्तों, जिसमें पैर नहीं दिल थक जाता है…
मीठी यादों के साथ गिर रहा था, पता नहीं क्यों फिर भी मेरा वह आँसु खारा था.
~Kabhii Aaye Ga Use Bhi Mera Khayal, Shayad Yeh Bhi Mera Khayal Hy .. ‘
मुमकिन नहीं शायद किसी को समझ पाना … बिना समझे किसी से क्या दिल लगाना
कई सितारों को मैं जानता हूँ बचपन से कहीं भी जाऊँ मेरे साथ-साथ चलतें हैं
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