~Jaley Ka Ilaaz Burnol Se .. Jealousy Ka Ilaaz Chitrol Se .. ^
~Suno Tum Badl Gy Ho Kya Ya Tum Theyy Hi Aiise .. ‘
अंत में लिखी है दोनों की बर्बादी, आशिक़ हो या हो आतंकवादी
त्यौहारों के बहाने ही सही, रिश्ते तो घर लौट आते है…
क्यों याद करेगा कोई बेवजह मुझे ऐ खुदा , लोग तो बेवजह तुम्हे भी याद नहीं करते !!”
एक छोटी पेंसिल एक विशाल याद्दाश्त से कहीं बेहतर है
तुमसे ऐसा भी क्या रिश्ता हे? दर्द कोई भी हो.. याद तेरी ही आती हे।
कई सितारों को मैं जानता हूँ बचपन से कहीं भी जाऊँ मेरे साथ-साथ चलतें हैं
ज़िंदगी whats app के last seen जैसी है, सब को अपनी छिपानी है,दूसरो की देखनी है.
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