छोड़ना आसान होता है लेकिन भूलना नही
अंत में लिखी है दोनों की बर्बादी, आशिक़ हो या हो आतंकवादी
काग़ज़ पे तो अदालत चलती है.. हमने तो तेरी आँखो के फैसले मंजूर किये।
सोचता हूँ बेच डालूं …. मेरे सब उसूल अब पुराने हो गए हैं !!
कहीं ज़िद पूरी, कहीं जरूरत भी अधूरी… कहीं सुगंध भी नहीं, कहीं पूरा जीवन कस्तूरी…!!
मैं परेशान था उसकी ख़ातिर, औऱ वो दिल पे हाथ थाम के बैठी थी !!
स्कूल की बस रोज़ सुबह इमारत के नीचे हॉर्न बजाती है …. . . यूं लगता है जैसे…. ज़िन्दगी वापस Continue Reading..
मैंने वहा भी तुझे मांगा हैं जहाँ लोग खुशी मांगते हैं….
पी लिया करते हैं जीने की तमन्ना में कभी, डगमगाना भी ज़रूरी है संभलने के लिए।
I m hapy
Achhe khwab pure nhi hote
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