Sahil Saxena Leave a comment शमा जलती है जिस आग मे नुमाईश के लिए हम उसी आग मे गुमनाम से जल जाते है जब भी आता है मेरा नाम तेरे नाम के साथ जाने क्यो लोग मेरे नाम से जल जाते है Copy