Sahil Saxena Leave a comment मुझको ऐसा दर्द मिला जिसकी दवा नहीं; फिर भी खुश हूँ मुझे उस से कोई गिला नहीं; और कितने आंसू बहाऊँ उस के लिए; जिसको खुदा ने मेरे नसीब में लिखा ही नहीं। Copy