।कौन कहता हैं साहब,, की नेचर और सिग्नेचर कभी बदलता नही।।_*
*_।।साहब,, बस एक चोट की दरकार हैं।।_*
*_।।अगर ऊँगली पे लगी,, तो सिग्नेचर बदल जाएगा।।_*
*_।।और दिल पे लगी,, तो नेचर बदल जाएगा।।_
Related Posts
जीते जी एक ख्वाब नजर में रह गया, प्यार किया जिससे वो हमसे बेखबर रह गया.
मोहब्बत का मेरे सफर आख़िरी है, ये कागज, कलम ये गजल आख़िरी है मैं फिर ना मिलूंग! कहीं ढूंढ लेना Continue Reading..
बनावटी लोगो से सावधान : पहले तो रो -रो कर आपके दर्द पूछेंगे फिर हँस -हँस कर लोगों को बताएंगे।
भगवान और इंसान मेँ फ़र्क सिर्फ इतना है… भगवान “तन” से पत्थर और इंसान “मन” से पत्थर है..!!
Yaade Bhi Kitni Ajeeb Hoti Hai, Jin Palo Me Hum Roye The Unhe Yaad Karke Hasi Aati Hai . . Continue Reading..
दिल की मिट्टी थी नम… जब तूने रक्खा पाँव…, अब हस्ती मेरी पथरा गयी.. बस ! बाकी रहा .. तेरा Continue Reading..
बेवज़ह बिछड तो गये हो.. बस इतना बता दो… कि.. सुकून मिला या नहीं…
~ Bas itna Soch Kar Hi Mujhko, Apne Paas Tum Rakh Lo, Tumhare Wasty Mein Apna Sab Kuch Chorr Aai Continue Reading..