Navneet Kaur Leave a comment वो न आए उनकी याद वफ़ा कर गई; उनसे मिलने की चाह सुकून तबाह कर गई; आहट दरवाज़े की हुई तो उठकर देखा; मज़ाक हमसे हवा कर गई ! Copy