Sirf najdikiyo se mohabbat hua nahi karti,
Fasle jo dilon me ho to fir chahat hua nhi karti,
Agar naraz ho khafa ho to shikayat karo hamse,
Khamosh rahne se dilo ki duriya mita nhi karti.
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~Tabeer Hii Sochtey Rahe Adhoore Khawabon Kii, Aur Neend Ankhon Kii Dehleez Par Taraptii Reh Gaye .. ‘
बहुत तकलीफ होती है, . जब तुम सबसे बात करते हो, . सिर्फ मुझे छोड़कर….
Shikayatein toh bahut hai tujh se eh zindagi… Par tune jo diya…woh bhi bahut toh ko nasseb nahi….
लिखी खुद ने मुहब्बत सब की तक़दीर में .. जब हमारी बारी आई तो स्याही खत्म हो गयी
दोस्तों से अच्छे तो मेरे दुश्मन निकले… कमबख्त हर बात पर कहते हैं कि…. तुझे छोडेंगे नहीं..!!
वो रात दर्द और सितम की रात होगी, जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी, उठ जाता हूँ मैं ये सोचकर Continue Reading..
कहाँ तलाश करोगे तुम मुझ जैसा कोई… जो तुम्हारे सितम भी सहे…. और तुमसे मुहब्बत भी करे !!!
“सूखे हुए दरिया से इक नाव लगी कहने, अपना भी जाने अब किस बात से रिश्ता है