Sahil Saxena Leave a comment मुझे मोहब्बत हैँ तुम्हारे जिस्म से, ये ख्याल भी तुम्हेँ कैसे आया…. उस दिन लौट आना ऐ हसीन, जब जिस्म का साथ छोङ दे तुम्हारा साया….. Copy