Sahil Saxena Leave a comment चलो आज करते हैं शेर-ओ- शायरी का मुक़ाबला, तुम ले आओ मीर, ग़ालिब, फ़राज़ की किताबें, मैं सिर्फ अपने महबूब की तारीफ करूँगा…! Copy