चलो आज करते हैं शेर-ओ-
शायरी का मुक़ाबला, तुम ले आओ मीर,
ग़ालिब, फ़राज़ की किताबें, मैं सिर्फ अपने
महबूब की तारीफ करूँगा…!


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