Kaur Preet 1 Comment देख मेरी आँखों में ख्वाब किसके हैं, दिल में मेरे सुलगते तूफ़ान किसके हैं, नहीं गुज़रा कोई आज तक इस रास्ते से हो कर, फिर ये क़दमों के निशान किसके हैं। Copy
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