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बंता(शायराना अंदाज में):
जिंदगी हमारी यूं सितम हो गई,
खुशी ना जानें कहां दफन हो गई,
बहुत लिखी खुदा ने लोगों की तकदीर में
मोहब्बत,
जब हमारी बारी आई तो स्याही खत्म
हो गई.
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