बहुत जोर से बेइज़्ज़ती, तो मुझे उस वक़्त
मेहसूस हुई–
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जब हमसे छः साल छोटे चचेरे भाई की शादी
लग गई।
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हाथ में सुनहला कार्ड थमा कर, आँख मारते
हुए वो बोला-
“शादी में ज़रूर आना भैया, परसों चार बजे
सुबह….. बारात भी चलना है।” 😝😜
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मेरे पप्पा सही बोलते थे– “पढ़ ले बेटा अफ़सर
नहीं तो कंडक्टर की नौकरी तो लग ही जायेगी।”
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“हम तुम्हारी सर्टिफिकेट दिखाकर… किसी
ड्राइवर की इकलौती बेटी को…. अपनी बहु
तो बना ही लेंगे।”