एक पाकिस्तानी कहानी।
अशरफ अली विदेश से एक ऐसा कुत्ता खरीद कर लाया
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जो बहुत समझदार था
और सिर्फ सूंघकर ही अपने मालिक के सगे-सम्बन्धियों को पहचान सकता था.
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घर आते ही अशरफ अली ने कुत्ते को आदेश दिया –
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“जाओ और मदरसे से मेरे बच्चों को लेकर आओ !”
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कुत्ता फ़ौरन मदरसे की तरफ दौड़ गया
और काफी देर तक वापस नहीं आया.
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जब बहुत ज्यादा देर हो गई तो आदमी को चिंता होने लगी.
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उसकी पत्नी आयशा बेगम हाय-तौबा करने लगी
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तो वह खुद कुत्ते और अपने बच्चों को ढूँढने के लिए घर से निकला.
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तभी उसने देखा कि सामने से
कुत्ता बच्चों के एक पूरे झुण्ड
को घेरे हुए लेकर आ रहा है.
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इन बच्चों में से
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2 उसकी नौकरानी के,
3 उसके पड़ोसियों के,
1 उसकी साली का और
2 बच्चे उसकी सेक्रेटरी के थे…
बेगम फनफनाती हुई बोली –
“तो इसका मतलब ये सारे बच्चे तुम्हारे हैं ???”
जवाब में अशरफ अली दहाड़ा? –
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“ये तो मैं बाद में बताऊँगा
पहले ये बताओ कि कुत्ता हमारे 2 बच्चों को लेकर क्यों नहीं आया ???”
नोट – इस पाकिस्तानी कहानी से जिस भी हिंदुस्तानी को मिर्ची लगे, उसे आप लोग अशरफ अली मान सकते हैं।