Sahil Saxena Leave a comment तु बेशक अपनी महफिल मे हमे बदनाम करती है, . पर तुझे अनदाजा भी नही है कि वो लोग भी पैर छुते है मेरे, . जिन्हे तु भरी महफिल मे झुक के सलाम करती है ණ Copy